tag:blogger.com,1999:blog-1767026037456626947.post3506111012672232392..comments2023-10-26T06:53:56.362-07:00Comments on चिंतन: कुलीवंदना शुक्लाhttp://www.blogger.com/profile/16964614850887573213noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-1767026037456626947.post-80783773449456689112010-11-14T05:53:54.424-08:002010-11-14T05:53:54.424-08:00सत्यता के बेहद निकट ...
मार्मिक और गहन रचनासत्यता के बेहद निकट ...<br />मार्मिक और गहन रचनाVIJAY KUMAR VERMAhttps://www.blogger.com/profile/06898153601484427791noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1767026037456626947.post-47285980608564831882010-11-11T04:21:01.687-08:002010-11-11T04:21:01.687-08:00बेहद मार्मिक और संवेदनशील रचना ……………अति सुन्दर भाव...बेहद मार्मिक और संवेदनशील रचना ……………अति सुन्दर भावाव्यक्ति।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1767026037456626947.post-9022139522408508242010-11-10T23:47:56.656-08:002010-11-10T23:47:56.656-08:00संगीताजी धन्यवाद् आपकी मूल्यवान सलाह के लिए!लेकिन ...संगीताजी धन्यवाद् आपकी मूल्यवान सलाह के लिए!लेकिन मैं आपसे विनम्र निवेदन के साथ कहना चाहती हूँ की इन (आपत्तिजनक पंक्तियों) के ठीक पहले ''संदर्भित''शब्द है!....दुसरे ये पंक्तियाँ संभवतः वर्ग विशेष के विरोधाभास को स्पष्ट करती हैं! फिर भी आपकी सलाह सर माथे ...<br />वंदनावंदना शुक्लाhttps://www.blogger.com/profile/16964614850887573213noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1767026037456626947.post-41741604880546379992010-11-10T22:34:57.564-08:002010-11-10T22:34:57.564-08:00कविता एक गहन विषय को लेकर बुनी गयी है ...अच्छी लगी...कविता एक गहन विषय को लेकर बुनी गयी है ...अच्छी लगी ...<br /><br />रियल्टी शो का विचार मेल नहीं खा रहा ....इस विषय पर अलग से पूरी रचना लिखिए ...आप लिख सकती हैं ...कृपया अन्यथा मत लीजियेगा ....विषय का क्रम टूटा सा लगा था ..इस लिए लिख दिया ...<br /><br />आभारसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1767026037456626947.post-40610643382559952192010-11-10T21:56:17.230-08:002010-11-10T21:56:17.230-08:00खुबसुरत रचना..बधाई...खुबसुरत रचना..बधाई...विमलेश त्रिपाठीhttp://bimleshtripathi.blogspot.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1767026037456626947.post-92073284786540660862010-11-10T21:51:53.923-08:002010-11-10T21:51:53.923-08:00मार्मिक और गहन रचना.
बधाई.मार्मिक और गहन रचना. <br /><br />बधाई.Ishanhttps://www.blogger.com/profile/13437540314660396868noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1767026037456626947.post-48365483385138108672010-11-10T21:20:17.718-08:002010-11-10T21:20:17.718-08:00उम्र की गिनती ही भूल जाता होगा ये वर्ग
,उम्र का मत...उम्र की गिनती ही भूल जाता होगा ये वर्ग<br />,उम्र का मतलब <br />इनके लिए पैदा होना,सामान ढोना,और<br />मर जाना ही तो होता होगा?<br /><br />सत्यता के बेहद निकट ...भावमय प्रस्तुति ।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.com