tag:blogger.com,1999:blog-1767026037456626947.post695185540114261657..comments2023-10-26T06:53:56.362-07:00Comments on चिंतन: सुबहवंदना शुक्लाhttp://www.blogger.com/profile/16964614850887573213noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-1767026037456626947.post-46944701645315161252010-10-24T00:21:42.338-07:002010-10-24T00:21:42.338-07:00Aroh and ishan
thanks for nice comments
''...Aroh and ishan <br />thanks for nice comments<br />''subah'' ki tazgi ki tarah apka zeevan hamesha tarotaza aur khila rahe isi shubhkamna ke saath <br />thanks again<br />vandanaवंदना शुक्लाhttps://www.blogger.com/profile/16964614850887573213noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1767026037456626947.post-1233832694876721432010-10-24T00:03:16.398-07:002010-10-24T00:03:16.398-07:00धन्यवाद् निर्मलाजी
स्वागत है आपका मेरे ब्लॉग पर!आ...धन्यवाद् निर्मलाजी<br />स्वागत है आपका मेरे ब्लॉग पर!आपके कमेंट्स मेरे लिए महत्वपूर्ण हैं ,<br />वंदनावंदना शुक्लाhttps://www.blogger.com/profile/16964614850887573213noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1767026037456626947.post-51319355438110833852010-10-23T23:59:14.123-07:002010-10-23T23:59:14.123-07:00बहोत उत्कृष्ट और बेतेरीन कविता!! शब्दों का पूर्ण उ...बहोत उत्कृष्ट और बेतेरीन कविता!! शब्दों का पूर्ण उपयोग..<br />बधाईAroh Shuklahttps://www.blogger.com/profile/07535361371314040178noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1767026037456626947.post-57749058002295913452010-10-23T22:07:09.459-07:002010-10-23T22:07:09.459-07:00वाह. आपने तो सुबह सुबह मुस्कुराने पर मजबूर कर दिया...वाह. आपने तो सुबह सुबह मुस्कुराने पर मजबूर कर दिया .<br />सकारात्मक सोच का नया अंदाज़, जो आपकी पिछली कवितायों से ज़रा जुदा है, यहाँ देखने को मिला.<br />बधाई .Ishanhttps://www.blogger.com/profile/13437540314660396868noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1767026037456626947.post-19058462228707979442010-10-23T07:28:42.201-07:002010-10-23T07:28:42.201-07:00पर आज वो
फिर हाज़िर है अपनी
सदाबहार मुस्कराहट के स...पर आज वो<br />फिर हाज़िर है अपनी<br />सदाबहार मुस्कराहट के साथ<br />यही महसूस कराने कि<br />ज़िन्दगी नाम है<br />सिर्फ एक<br />मुस्कराहट का <br />प्रेरक पँक्तियाँ। बधाई।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1767026037456626947.post-66486047222855631522010-10-23T07:02:42.107-07:002010-10-23T07:02:42.107-07:00धन्यवाद आप सभी का....!
मुझ जैसे अंतर्मुखी व्यक्तित...धन्यवाद आप सभी का....!<br />मुझ जैसे अंतर्मुखी व्यक्तित्व का सुबह से, एक गहरा और करीबी रिश्ता होता है शायद....मेरे लिए अमूमन यही सुबह अन्तः प्रेरणा का सबब भी होती है...इसीलिए ज़िन्दगी में सुबह की बहुत अहमियत है मेरे लिए<br />आपको कविता अच्छी लगी इसके लिए पुनः धन्यवाद्<br />वंदनावंदना शुक्लाhttps://www.blogger.com/profile/16964614850887573213noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1767026037456626947.post-3738189214883554732010-10-23T05:48:41.711-07:002010-10-23T05:48:41.711-07:00गौर से सुनो उसे ,
कि तुम्हारी ही तरह
उसने
कल भी ...गौर से सुनो उसे ,<br />कि तुम्हारी ही तरह<br />उसने <br />कल भी दस्तक दी थी<br />आकाश पर ....<br />उतरी थी धरती पर,<br />दिल कि गहराई से लिखी गयी रचना बधाईSunil Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10008214961660110536noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1767026037456626947.post-21272085431426020232010-10-23T05:12:43.115-07:002010-10-23T05:12:43.115-07:00पर आज वो
फिर हाज़िर है अपनी
सदाबहार मुस्कराहट के ...पर आज वो <br />फिर हाज़िर है अपनी<br />सदाबहार मुस्कराहट के साथ<br />यही महसूस कराने कि<br />ज़िन्दगी नाम है <br />सिर्फ एक <br />मुस्कराहट का <br /><br />वाह! सकारात्मक सोच को बेहद खूबसूरती से प्रस्तुत किया…………।सुन्दर अभिव्यक्ति।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1767026037456626947.post-75850283470514700672010-10-23T05:04:35.064-07:002010-10-23T05:04:35.064-07:00पर आज वो
फिर हाज़िर है अपनी
सदाबहार मुस्कराहट के ...<b>पर आज वो <br />फिर हाज़िर है अपनी<br />सदाबहार मुस्कराहट के साथ<br />यही महसूस कराने कि<br />ज़िन्दगी नाम है <br />सिर्फ एक <br />मुस्कराहट का </b><br />बहुत खूब !!संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1767026037456626947.post-84617797765070239092010-10-23T05:04:14.268-07:002010-10-23T05:04:14.268-07:00Sbase pyari line....
पर क्या दोपहर की तपन ने उसे
...Sbase pyari line....<br />पर क्या दोपहर की तपन ने उसे <br />तपाया नहीं था?<br />रात के घटाटोप अँधेरे ने उसे<br />डराया नहीं था?RAVINDRAhttps://www.blogger.com/profile/00548791259566393852noreply@blogger.com