3 जून 2015

From Singapore

एक आदत बन जाने की हद तक किसी जुनून की गिरफ्त में होना वहीं जानते हैं जो उससे गुज़र रहे होते हैं लेकिन उस के बीत जाने के बाद विजय की अनुभूति के वो पल सचमुच अवर्णनीय और अनमोल होते हैं |अभी २ एक उपन्यास ख़त्म किया ''ख़्वाबों की स्वरलिपि और बामन चौराहा '' | शुक्रिया उन सब परिवार जनों का जिन्होंने बेतरतीब दिनचर्या और जिद को शान्ति से बर्दाश्त किया

2 टिप्‍पणियां: