3 जून 2013

कुछ लोग ....

जैसे दौडती हैं सडकें चमकती हुई चौड़ी और लम्बी
दमकते हुए चेहरों,कपड़ों और बरक्कत के आगे आगे
सलाम ठोकती हुई   
क्या ऐसी उखड़ी ऊबड़ खाबड़ खड्डों से भरी
सडकों के लायक ही होते हैं कुछ लोग?


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