चिंतन
कवितायेँ और कहानियां
17 सितंबर 2013
यादें
उस स्मृति की परछाईं बहुत लंबी होती है
जिसकी जड़ें गहरी और ज़मीन गीली हो
1 टिप्पणी:
प्रवीण पाण्डेय
18 सितंबर 2013 को 9:21 am बजे
सच है..
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