31 दिसंबर 2015

स्म्रतियों के अपभ्रंश
ये वर्ष यात्राओं के नाम रहा |माउंट आबू,अजमेर,पुष्कर से लेकर सिंगापुर  .मलेशिया ,इंडोनेशिया तक |ज़ाहिर है सिर्फ घूमना फिरना मौज मस्ती ही नहीं बल्कि अनुभवों व् जानकारियों के खजाने भी हाथ लगे |इसी वर्ष ’’आहा ज़िंदगी’’ ने नवम्बर माह में सिंगापूर यात्रा वृत्तांत प्रकाशित भी किया |इस बीच फोटोग्राफी में भी आजमाइश हुई |पारिवारिक उत्तरदायित्वों,नौकरी ,यात्राओं की अधिकता (व्यस्तता) के बीच लिखना पढ़ना भी चलता रहा |lलेखन में खुशी- अवसाद के पल धूप छाँव की तरह आते जाते रहे |लिखना पढना जारी-स्थगित करने के निर्णय लिए जाते रहे |इन्हीं सब अनुभूतियों के साथवागर्थ,हंस,कथादेश,लमही,पाखी,बया,परिकथा,वर्तमान साहित्य,पूर्व कथन,आउट लुक ,जनसत्ता,कथाक्रम,निकट,नई दुनियां में कहानियाँ प्रकाशित हुईं |तो कुछ कहानियों के अनुवाद अंगरेजी,उर्दू,उडिया,पंजाबी ,तमिल और गुजराती में प्रकाशित हुए |इस बीच कविताओं के शौक को भी स-संकोच पूरा किया | मंतव्य, साहित्य अमृत में कवितायेँ प्रकाशित हुईं तथा गाथांतर,यात्रा और बोधि प्रकाशन से प्रकाशित चयनित कविताओं के संकलन में कविताओं को स्थान मिला |आकाशवाणी पर भी कविताओं का प्रसारण हुआ | तीन कवितायेँ (चौराहे भाग एक,दो,तीन ) क्रोशिया विश्वविद्यालय के इन्डोलॉजी विभाग के पाठ्यक्रम में शामिल की गईं |निस्संदेह ये मेरे लिए इस वर्ष का एक महत्वपूर्ण एचीवमेंट था |दो एक पुरस्कार भी मिले जिनमे से कथादेश व् सर्नुनाह (सिंगापुर) के तत्वावधान में रहस्य रोमांच प्रतियोगिता के अंतर्गत मेरी कहानी ‘’अपने होने के विरुद्ध’’को चयनित किया गया |प्राप्त राशि के अतिरिक्त कहानी को पुरस्कृत अन्य छः कहानियों के साथ फ्रेंच, अंगरेजी व् स्पेनिश भाषा में अनुवादित व् प्रकाशित करने की योजना भी थी (हालाकि इस सम्बन्ध में उसके बाद कोई सूचना नहीं )| नए वर्ष में पहल, लमही समेत कुछ पत्रिकाओं में कहानी स्वीकृत हुई हैं |वहीं कुछ विशेषांकों (पुस्तक रूप के लिए ) चयनित कहानियों में संबोधन (श्रेष्ठ प्रेम कथाएं ),’’मध्य प्रदेश के रचनाकार ( भोपाल ) व् आधुनिक हिन्दी साहित्य की उत्कृष्ट कहानियाँ (शब्द निष्ठां प्रतियोगिता में पुरस्कृत कहानी ) है | पूरा वर्ष छोटी मोटी उपलब्धियों के साथ उतर चढ़ाव मय बीता |साहित्य जगत से सम्बंधित कई भ्रम टूटे |हर भ्रम ने एक नयी सोच और सीख दी |खुद में परिवर्तन लाने के अवसर दिए | जिन संपादकों ,लेखकों, पाठकों,आलोचकों ने लेखन जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया ,प्रेरणा दी उनके प्रति हार्दिक आभार |नया वर्ष आप सभी के लिए सुखमय आनंदमय हो....शुभकामनायें |