स्म्रतियां
यादें
जीवन के नन्हें शिशु
हैं
उम्र के साथ बढती
जाती है
उनमें नमी
जैसे दरख्त की सबसे
ऊंची पत्ती में
आसमान भरता जाता है
जैसे खीसे में
चिल्लर का भार
या आँखों में पानी
की तहें
या बादलों में हरापन
...
यादों में घर होते
हैं और
कई बार कई कई घरों
में रहते हैं हम
एक साथ
घर बदलने का मतलब
सारी दुनियां का बदल
जाना है
कुछ यादों से वक़्त
खरोंच लेता है उनके रंग
कई यादों को पहचान पाते हैं हम
उनकी हंसी या गीलेपन
से
कई चेहरे ऐसे भी होते हैं जो
छिपा जाते हैं
अपना रोना हमारी
स्म्रतियों में
खुबसूरत अभिवयक्ति......
जवाब देंहटाएंशुक्रिया सुषमा जी
जवाब देंहटाएंस्मृति की प्रक्रिया बड़ा रहस्य लिये होती है, न जाने कब टपक जायें सामने।
जवाब देंहटाएंयाद या स्मृति एक बीज के रूप में हृदय में छुपा रहता है ...उम्दा पोस्ट ..मेरे भी ब्लॉग पर आये
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