युद्ध एक शब्द है जिसके
अर्थ का रंग लाल है
और चीत्कार स्वर हीन
युद्ध कुरुक्षेत्रों के
मोहताज नहीं अब
आधुनिकता के इस बाज़ार में
युद्ध भी
एक उत्पाद की तरह चमकता है
बड़े २ शो रूमों में
प्रलोभनों,विज्ञापनों,,महंगाई
और विवशता के हथियारों से लड़ता
कुछ युद्ध जीतने के लिए
नहीं ,
लड़े जाते हैं जिंदा रहने के लिए
और जिनको लड़ने की ना कोई
तरकीब होती
ना ही मियाद जैसे भूख गरीबी,महंगाई,अन्यायों
दुखों,विडंबनाओं लंबी
फेहरिस्त है
ये युद्ध चलते हैं सदियों
से पीढ़ियों तक
घुलता जाता है इनका काला धुआं
एक धीमे ज़हर की तरह
बेबसों पीढ़ियों की जीवन
शिराओं में
और गाढा होता हुआ
सर्वहारा शब्द की यात्रा
जहाँ से भी शुरू हुई हो
अब तो सिर्फ मतलब एक ही है
इसका
मनुष्य से हारा हुआ मनुष्य
संघर्षों की नियति सिर्फ एक
अफ़सोस जो
संक्रमित होता है
जातियों,पीढ़ियों,भूखमरियों और
अन्यायों में
देह गढ़न के पहले ही
आत्मा में घुस बैठ जाते हैं
कुछ युद्ध
अपने संतापों और दुखों के
औजार संभाले
दीमक की तरह कुतरते रहते
हैं
न्याय की उम्मीदें ,किसी
खास वर्ग में
युद्ध ...
इंसानियत का हैवानियत से
सच का झूठ और
न्याय का अन्याय से
शब्दों का विचारधारा से
व्यवस्था का संविधानों से
जाति का धर्मों से
पुरुषवादी सोच का स्त्री
मुक्ति से
अहं का विवशताओं से
ये वो लड़ाइयां हैं जो बंदूकों
से नहीं
लड़ी जाती हैं विचारों से ,
भूख से महंगाई
और गरीबी से
थक चुके हैं वो अब लड़ते २
अब उन्हें कुछ आराम चाहिए
बस दे सकते हो दे दो
एक युद्ध विराम
ताकि अगले किसी अघोषित युद्ध
के लिए
बदल लिए जाने की मोहलत मिले
उन्हें
नियति की लहुलुहान त्वचा और
चिथड़ी आशाओं को
विवशताओं की प्रवाहमयी व्याख्या है युद्ध..
जवाब देंहटाएंप्रभावकारी मार्मिक प्रस्तुति ..
जवाब देंहटाएंयुद्ध एक पलायन मनोवृति है
जवाब देंहटाएंआगत सोच से पूर्णतया परे ...