जीवट की अद्भुत मिसाल -ओपरा विनफ्रे
एक स्त्री को कितने कष्ट कितने अपमान और दुःख मिल सकते हैं और कैसे वो स्त्री गहन अवसाद से स्वयं बाहर आकर दुनिया में आध्यात्मिक ,सामाजिक और आर्थिक रूप से नारी जगत में एक अद्भुत मिसाल बन सकती है ये ओपरा विनफ्रे के जीवन को पढ़कर जाना जा सकता है |62 वर्षीय ओपरा का जन्म मिसीसिपी अमेरिका में हुआ |पांच वर्ष की आयु में ही माता पिता में तलाक हो गया और दौनों ने ही ओपरा को त्याग दिया तब उस पांच वर्ष की बच्ची का पालन पोषण उसके दादी दादी ने किया |युवा होने पर उनकी माँ उन्हें अपने साथ ले गईं लेकिन वहां उन्ही के ख़ास रिश्तेदारों ने उनका यौन शोषण किया |तब वहां से भागकर वो अपने पिता के पास चली गईं |पिता को उन की इस स्थिति को देखकर बेहद दुःख हुआ |वो अनुशासन प्रिय और मितभाषी थे |उन्होंने ओपरा को बहुत समझाने की चेष्टा की लेकिन स्थिति तब तक काफी खराब हो चुकी थी | ओपरा की कुंठाओं और नाजायज़ रूप से गर्भ धारण करने के अवसाद ने उनका जीवन छिन्न भिन्न कर दिया |उनके असंतुलित और अराजक बचपन जिसे वो भूल नहीं पाई और जिसकी बदौलत वे मादक पदार्थों के सेवन की आदी हो गईं |विद्रोह और क्रोध उनके स्वभाव में आ गए |पिता के लिए उनकी बेटी का ये स्वभाव व् आदतें असहनीय और तकलीफदेह थीं |तब उन्होंने ओपरा को पढाई के लिए समझाया और कॉलेज में दाखिला दिलवाया |उन्हें भरपूर स्नेह दिया |स्नातक की डिग्री मिलने के बाद वे पत्रकारिता में रूचि लेने लगीं|इस नाजुक मोड़ पर पिता उनके भावनात्मक संबल बने |नतीजतन ओपरा का ध्यान कुछ सार्थक और सकारातमक दिशा की और मुड़ने लगा | वे मीडिया से जुड़ गईं और 19 वर्ष की आयु में अमरीका में टी वी पर काम करने वाली पहली अश्वेत महिला बनी |उनकी प्रसिद्धि शिकागो के एक टी वी शो’’एम् शिकागो’’ नामक कार्यक्रम से हुई |ये टी वी शो टी वी के इतिहास के सफलतम तथा उत्कृष्ट टॉक शो के नाम से प्रसिद्द हुआ |इस शो की खासियत ये थी की इसमें ओपरा अपने दिल की बात करती हैं और लोगों को परामर्श देती हैं |उसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा |वे सफल अभिनेत्री ,’’ओ , द ओपरा मैगजीन ‘’ की संस्थापक और मीडिया पत्रकार हुईं |सामाजिक कार्यकर्ता और लोगों के जीवन को दिशा देने संबंधी कार्यों के लिए उन्हें अनेक पुरस्कारों से नवाज़ा गया सम्मान दिए गए |फ़ोर्ब्स के धनी व्यक्तियों की सूची में उनका नाम भी है | ओपरा के इस जीवन चक्र में कुछ ख़ास बातें हैं जैसे उनकी माँ जो स्त्री वो भी माँ होते हुए भी फिर कभी उनकी ज़िंदगी में वापस नहीं आईं |जब की ओपरा की इन तमाम उपलब्धियों की मूल वजह उनके पिता थे जो इसी सार्वभौमिक पित्र्सत्तात्मक्ता की पैदाइश थे |इस जीवनी में चाहे पिता का रोल हो या बेटी ओपरा का सिद्ध यही होता है की ऐसे प्रकरण अपवाद कतई नहीं होते
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