20 जून 2014

सुपरिचित कथाकार-कवि Vandana Shukla (वंदना शुक्‍ल) इस बार अनुनाद के लिए संगीत का अनुपम उपहार लायीं तो लगा किसी अमर प्रतीक्षा का सुफल मिला। कविता के कार्यकर्ता हमेशा ही संगीत की ओर झुकते हैं। दोनों कलाओं का अन्‍तर्सम्‍बन्‍ध अपने आपमें एक पुराकथा है। वंदना जी ख़ुद कुशल ध्रुपद गायिका हैं और हम इन कविताओं के लिए उनका हार्दिक आभार व्‍यक्‍त करते हैं।
*** 
http://anunaad.blogspot.in/2014/06/blog-post_21.html

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें