‘’वॉर एंड पीस’’ और ‘’अन्ना केरेनीना’’ जैसी महान कृतियों के लेखक टोलसटॉय और ‘’द लास्ट सपर ‘’ ,मैडोना ऑफ़ द रोक्स ‘’ और विश्व प्रसिद्द रचना ‘’मोनालिसा’’ के अद्भुत कलाकार लियोनार्दो दा विन्सी यद्यपि एक लेखक है और दूसरा कलाकार लेकिन दोनो में एक अद्भुत समानता है |दौनों ने ही अपनी स्वयं गढ़ी गयी कृतियों से इस क़दर प्रेम किया कि ताजिन्दगी वो उतना प्रेम किसी जीवंत स्त्री को नहीं कर पाए | अन्ना केरेनीना उपन्यास का प्रारम्भ एक प्लेटफोर्म से होता है (और अंत भी प्लेटफोर्म पर ही )| टालस्टॉय इस उपन्यास के दौरान अपनी नायिका अन्ना के प्रेम में डूब गए |एक विवाहित स्त्री के प्रेम से कहानी निर्लिप्त भाव से शुरू होती है लेकिन धीरे धीरे ये महसूस होने लगता है कि अन्ना के प्रति उनके ह्रदय में कोई कोमलता है जो आहिस्ता आहिस्ता विवशता और अवसाद में बदलती जाती है ...सामाजिक ,पारिवारिक ,ममत्व आदि की विसंगतियां व् असुरक्षा का मिला जुला भाव और अंतत वो आत्महत्या कर लेती हैं| वहीं विन्सी के बारे में कहा जाता है कि उनकी अनेकों कृतियाँ यहाँ वहां पडी रहती थीं लेकिन मोनालिसा की कलाकृति को ताजिन्दगी (2 मई 1519 तक )उन्होंने अपने से अलग नहीं किया वो जहाँ गए उसे अपने साथ लेकर गए |विश्व प्रसिद्द लेखक मार्खेज़ के बारे में भी कहा जाता है कि अपने एक उपन्यास की नायिका की म्रत्यु के बाद वो फूट फूट कर रोये |हमारे यहाँ मीरा और कृष्ण के प्रेम को इस द्रष्टि से देखा जा सकता है लेकिन कृष्ण की छवि मीरा के मन में पहले से थी और इन महान रचयिताओं ने अपना प्रेम खुद गढ़ा और जीवन पर्यंत उससे लिप्त रहे |
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