एक आदत बन जाने की हद तक किसी जुनून की गिरफ्त में होना वहीं जानते हैं जो उससे गुज़र रहे होते हैं लेकिन उस के बीत जाने के बाद विजय की अनुभूति के वो पल सचमुच अवर्णनीय और अनमोल होते हैं |अभी २ एक उपन्यास ख़त्म किया ''ख़्वाबों की स्वरलिपि और बामन चौराहा '' | शुक्रिया उन सब परिवार जनों का जिन्होंने बेतरतीब दिनचर्या और जिद को शान्ति से बर्दाश्त किया
बहुत बधाई आपको।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद प्रवीण जी
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