जीवन
धरती की हथेली पर आसक्ति की लकीरें
जीवन का घोषणा पत्र
हैं
नियति एक बड़ी जुआरी
है और प्रकृति के क़ानून खुले
आत्मा के ब्रम्ह कमल
में
पीड़ा
खिलती है हर खुशी के
छोर पर
प्रकृति गुनगुनाती
है परिणिति के गीत
घटनाएँ अंधी है और
दिशाएं बहरी
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